बच्चो के लिये अकबर बीरबल की हिंदी कहानियाँ । Akbar birbal story in hindi

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Akbar birbal story in hindi

यह akbar birbal story in hindi कहानियाँ बच्चो और बड़े सभी के लिए है जिसे आप अपने खली समय में पढ़कर अपने समय का सही उपयोग कर सकेंगी और ये akbar and birbal hindi story आपको अपने जीवन मै एक बेहतर इंसान बनने की राह दिखाती है। कहने को यह सिर्फ एक काल्पनिक कहानिया है परंतु इनका सीधा-सीधा संबंध मनुष्य की जीवन काल मई आने वाली समस्या और उनके समाधान से जुड़ी हुई है। तो बिना कोई समय गवाए यह birbal and akbar story in hindi जरूर पढ़े।

1. आत्म-विशवासी बीरबल और कौवे

akbar birbal story in hindi
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एक समय की बात है, अकबर और बीरबल बगीचे में टहल रहे थे वहां पर स्थित एक पेड़ पर बीरबल ने कुछ कौवो का समूह देखा, “अकबर ने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा कि राज्य में कितने कौवे हैं”

“हमारे राज्य में कुल अस्सी हजार नौ सौ पांच कौवे है।”

अकबर ने हैरानी से पूछा “तुम्हें कैसे पता?”

मुझे पूरा यकीन है महाराज। “आप राज्य के कौवो को गिन भी सकते हो।” बीरबल ने विशवास के साथ कहां।

क्या हो अगर गिनती करने पर कौवे की संख्या कम निकली? अकबर ने संदेहपुर्वक पूछा।

महाराज, इसका मतलब यह हुआ कि शायद कौवे राज्य छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर गए हुए हो।

अच्छा, क्या हो अगर तुम्हारे द्वारा बताई गई गिनती से कम कौवे निकले?

बीरबल चतुराई से जवाब देते हूए, इसका यह मतलब होगा कि “कौवो के रिश्तेदार हमारे राज्य में घूमने आए हैं।”

यह जवाब सुनने के बाद अकबर मुस्कुराते हुए वहां से चला गया।

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2. केवल एक प्रशन?

birbal and akbar story in hindi
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एक बार एक दूर देश से विद्वान व्यक्ति आता है। उसने घोषणा करी, “वह एक बहुत चतुर और बुद्धिमान व्यक्ति है और कोई उसके सवालों का जवाब नहीं दे सकता।” उसने बीरबल को चुनौती दी कि वह यह साबित करे की वह उस विद्वान से ज्यादा चतुर है।

उसने कड़क आवाज में बीरबल से सवाल पूछा, “आप सौ आसान या फिर एक मुश्किल सवाल का जवाब देना पसंद करेंगे?”

बीरबल समझ गया कि वह उसे नीचा दिखाना चाहता है, और बीरबल ने ऊँची आवाज मै आत्मविश्वास से कहा,

“मैं उस एक मुश्किल सवाल का जवाब दूंगा जिसमे आप सिर्फ एक प्रशन करेंगे।”

विद्वान ने गरजकर पूछा, “ठीक है, तो ये बताइये पहले मुर्गी आई या अण्डा?”

बीरबल ने बड़ी सरलता से जवाब देते हुई कहा, “सबसे पहले मुर्गी आई।”

विद्वान ने कहा “आपको कैसे मालूम की क्या पहले आया?”

बीरबल ने कहा कि हमारे बीच सिर्फ एक प्रशन पूछने की चुनोती हुई थी। और इस तरह वह विद्वान् व्यक्ति चुनोती हार गया।

3. अकबर की कल्पना!

hindi story of akbar birbal
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अकबर एक पेंटिंग की कल्पना करता है, और बीरबल को उस पेंटिंग को बनाने की आज्ञा देता है और कहता है कि वह उसे एक सप्ताह बाद लेगा।

अकबर का आदेश बीरबल को हैरान और चिंतित कर देता है।

“महाराज मै तो केवल एक मंत्री हु, भला मे कैसे ऐसी पेंटिंग बनाऊंगा?”

अकबर ने गुस्से से पूछा, “आप मेरे आदेश को ख़ारिज कर रहे हो?” आपके पास केवल एक सप्ताह का समय है मेरी काल्पनिक पेंटिंग बनाने का, अन्यथा आपको फांसी दी जायेगी।

बीरबल को एक विचार आया। एक सप्ताह बीतने के बाद, बीरबल एक कपडे मे लिपटी वह काल्पनिक पेंटिंग अकबर के पास ले जाता है। कपडा हटने के बाद अकबर हैरान हो जाता है क्योंकि उसमें केवल जमीन और आसमान के आलावा और कुछ नही होता।

यह क्या है,”अकबर बीरबल से पूछता है?”

“महाराज यह वे पेंटिंग है जिसकी अपने कल्पना करी थी, एक घांस खाती हुई गाय।”

नाराज अकबर गुस्से से,”परंतु इसमें गाय और घांस कहा है, ये तो केवल बंजर जमीन और नीला आसमान है?”

घांस गाय द्वारा खा ली गयी है इसलिये यह बंजर है, बीरबल ने कहा।

अकबर, “तो गाय कहा है?”

जहाँपना, “जब गए ने सारी घाँस खा ली है तो वह इस बंजर जमीन पर क्या करेगी, इसलिये गाय यह स्थान छोड़ अन्य जगह चली गयी।”

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4. अंधों कि सूचि!

akbar and birbal hindi story
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एक बार बादशाह अकबर, नेत्रहीन लोगों को भिक्षा देने का फैसला लेता है। वह अपने सभी दरबारियों को आदेश देता है कि वह उन सभी नेत्रहीन लोगों की सूची बनाए। दरबारियों ने सूची तैयार की और महाराज के साथ साझा किया।

सूची तैयार होने पर वह उस पर एक नजर डालता है, ” बहुत अच्छे, जाओ और जाकर सूची को बीरबल को सौंप दो और कहो वह कल सुनिश्चित करें की सभी लोगों को अच्छे से भिक्षा मिले।

सूची देखने के बाद बीरबल उसे अकबर के पास ले जाता है और कहता है, “महाराज यह सूची अभी अधूरी है”

“क्या मतलब यह अधूरी है, अकबर चिल्लाते हुए।”

सम्राट, हम ऐसे कई लोगो को भूल रहे है क्योंकि सूचि ओर लंबी होनी चाहिये थी, मुझे केवल एक दिन का समय दिजिए मै इसको पूरी कर दूंगा।

अकबर सहमत हुआ, अगले दिन एक पुरानी खाट और एक नौकर लेकर बीरबल बाजार के बीच जाता है और वह उस खाट को बुनने लगता है।

तभी उसका एक मित्र वह से गुजरता है और पूछता है, “बीरबल तुम ये क्या कर रहे हो” बीरबल नौकर की तरफ देखता है और वह कुछ सूचि मै लिखने लगता है। कुछ समय बाद वहाँ भीड़ जमा हो जाती है और जो भी उससे पूछता की वह यह क्या कर रहा है? नौकर उसका नाम सूचि मै लिख देता।

अकबर के पास खबर पोहचते ही वह बाजार आता है और अकबर से पूछता है, “यह क्या कर रहे हो तुम?” एक बार फिर वह नौकर की और देखता है और वह राजा का नाम उस सूची मै लिख देता है। फिर अकबर वह सूचि नौकर से लेकर अकबर को देता है कहता है ये रही नेत्रहीन लोगो की सूचि।

सूचि देख अकबर क्रोधित हो जाता है और पूछता है, “तुमने इसमें मेरा नाम क्यों लिखा है”

जहाँपना, आप और इस सूची मै लिखे गए नाम के सभी व्यक्ति ने मुझसे पूछा, “यह मै क्या कर रहा हु।” यह देखने के बावजूत की मैं क्या कर रहा हु, इन्होंने मुझसे पूछा।

राजा को अपनी मूर्खता पर हँसी आई और कहा, “मुझे अँधा साबित करके मेरी आँखों को खोलने के लिये धन्यवाद बीरबल।

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5. मुर्गा और मुर्गियां!

akbar birbal kahani in hindi
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अकबर बीरबल की बुद्धि का परीक्षण करने के लिए एक खेल खेलता है। दरबारियों को चुपके से एक योजना बताता है और उन्हें अगली सुबह अपने कपड़ों में एक अंडा छुपाकर लाने को कहता है।

अगली सुबह दरबार में अकबर सभी से कहता है, “कल रात मेने एक सपना देखा जिसमें बताया गया है कि दरबारियों की ईमानदारी को परखने के लिए उन्हें शाही तालाब से एक अंडा लाना है। जो दरबारी अंडा लेकर आयेगा वह वफादार होगा और जो नहीं लाएगा वह ईमानदार नहीं होगा।

सारे दरबारी एक-एक करके शाही तालाब मैं जाते और अपने कपड़ों में छुपा हुआ अंडा साथ लेकर आ जाते है। कुछ समय बाद बीरबल की बारी आती है। वह तालाब में अंडा ढूंढने की कोशिश करता है परंतु उसे नहीं मिलता। वह आस-पास की झाड़ियों और पेड़ों पर अंडा ढूंढने की कोशिश करता लेकिन उसे कोई अंडा नहीं मिलता।

खाली हाथ वापस लौटते समय जब वह दरबार में जाता है तो वह यह देखता है कि सारे दरबारी एक दूसरे को तिरछी नजर से देख रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।

अकबर राजा का खेल समझ जाता है और वह जैसे ही अकबर के राज गद्दी के पास पहुंचता है, ” वे मुर्गे की आवाज में जोर से चिल्लाने लगता है।” अकबर और बाकी के दरबारी आश्चर्यचकित हो जाते हैं।

“तुम यह क्या कर रहे हो?” अकबर बीरबल से पूछता है।

महाराज , केवल मुर्गिया ही अंडे देती है, जैसे कि सभी दरबारियों ने अंडे पेश किए हैं वे सभी मुर्गियां है। और जैसा की मै मुर्गा हूं मैं किसी भी अंडे का उत्पाद नहीं कर सकता।

कुछ समय तक सभी मौन रहते हैं और फिर अकबर जोर-जोर से हँसने लगता है। अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कर बीरबल एक बार फिर अपने आप को साबित कर देता है।

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