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एक बूढ़े आदमी की कहानी जो गांव में रहता था!

एक छोटे से गांव में एक बूढ़ा आदमी रहता था जो दुनिया के सबसे बदनसीब लोगों में से एक था और वह हमेशा मायूस बैठा रहता था। वह हमेशा चीजों को लेकर शिकायत करता रहता था और खराब मुड़ में रहता था। पूरे गांव वाले उसकी इन हरकतों से परेशान हो चुके थे।
वह उम्र में जितना बढ़ा होते जा रहा था उतने कठोर शब्दों का इस्तेमाल करता था और बुरा होता जा रहा था। लोग उसके साथ रहने से बचते थे और उसे देख कर अपना रास्ता बदल लेते थे, क्योंकि उसके साथ में रहना भी एक तरह से अस्वाभाविक और अपमानजनक था।
उसने लोगों के मन में भी दुखी की भावना पैदा करी।
लेकिन एक दिन, जब उसकी उम्र 80 साल हुई तो उस दिन एक अविश्वसनीय बात हुई। उस दिन गांव के लोगों ने उसके बारे में एक अफवाह सुनी की :
“वह बूढ़ा आदमी आज बहुत खुश है, और वह किसी भी चीज को लेकर शिकायत नहीं कर रहा है। उसके चेहरे पर एक कमाल की खुशी और मुस्कुराहट है”
इस अफवाह को सुनकर पूरा गांव इकट्ठा होकर उस बूढ़े व्यक्ति के पास गया और पूछा:
गांव: क्या हुआ तुम आज इतने खुश क्यों हो?
“कुछ खास नहीं, मैं 80 साल से खुशियों का पीछा कर रहा था, और यह पूरी तरह व्यर्थ रहा। फिर मैंने बिना खुशी के जीने का फैसला किया और बस जीवन का आनंद लेने लगा। इसलिए मैं अब खुश हूं।” -An Old Man
कहानी का उद्देश्य: खुशियों का पीछा ना करके अपने जीवन का आनंद लें, खुशियां अपने आप आपके पीछे आने लगेगी।
एक मूर्ख गधा!

एक नमक बेचने वाला व्यक्ति नमक की थैलियों को एक गधे पर रखकर बाजार तक ले जाता था। उस गधे को बाजार जाते समय हर दिन एक नदी पार करना पढ़ती थी।
एक दिन नदी पार करते समय गधा अचानक से तेज धारा में गिर गया और नमक की थैली पानी में गिर गई। नदी में गिरने से नमक पानी में घुल गया और थैलियां वजन में हल्की हो गई और यह देख गधा बहुत खुश हुआ। गधे के दिमाग में एक विचार आया और वह हर दिन एक ही चाल चलने लगा और नमक की थैली लेकर नदी में गिरता और नमक पानी में घुल जाता था जिससे थैलियां ले जाने में हल्की हो जाती थी।
नमक बेचने वाले विक्रेता को गधे की चाल समझ आ गई और उसने गधे को सबक सिखाने का फैसला किया। अगले दिन उसने थैलियों में नमक की जगह कपास भर दी और गधे पर लाद दिया।
गधे ने फिर से उसी उम्मीद में वही चाल चली और कपास की थैलियों को लेकर नदी में गिर गया। लेकिन इस बार जैसा की थैलियों में कपास भरी हुई थी वह पानी से भीग कर और भी भारी हो गई जिससे गधे को नुकसान उठाना पड़ा और उस दिन के बाद से गधे ने चाल चलना बंद कर दीया ,और विक्रेता बहुत खुश हुआ।
कहानी का उद्देश्य: भाग्य हमेशा साथ नहीं देता।
एक लालची शेर!

वह एक गर्मियों का बहुत गरम दिन था, और एक शेर बहुत भूखा था।
वह अपनी गुफा से निकलकर बाहर आया और इधर-उधर शिकार ढूंढने लगा। उसने झाड़ियों में एक छोटा सा खरगोश पकड़ा।
“इस छोटे से खरगोश से मेरा पेट कैसे भरेगा” – शेर ने सोचा।
शेर जैसे ही खरगोश को मारने वाला था तभी वहां से एक हिरन दौड़ता हुआ गुजरा। शेर लालच में आ गया और सोचने लगा: इस पिद्दी से खरगोश से मेरा पेट नहीं भरेगा मुझे वह बड़ा सा हिरन खाना चाहिए।
यह सोचकर उसने खरगोश को छोड़ दिया और हिरण के पीछे निकल पड़ा। लेकिन पलक झपकते ही वह हिरण जंगल में छूमंतर हो गया और शेर को भूखे पेट अपनी मांद में लौट जाना पड़ा।
कहानी का उद्देश्य : लालच बुरी बला है, आपके पास जितना है उतना में खुश रहना सीखें।
जीवन का संघर्ष!

एक बार, एक लड़की ने अपने पिता से शिकायत किया की उसका जीवन बहुत बदकिस्मती से भरा हुआ है। और उसे नहीं पता की आगे उसका जीवन कैसा बीतने वाला है।
वह हर समय, हर परिस्थिति में संघर्ष करती थी जिससे वह बहुत थक चुकी थी। वह एक समस्या से निजात पाती नही थी की दूसरी समस्या उसका इंतजार कर रही होती थी।
उसका पिता एक पेशेवर रसोईया था, वह उसे रसोईघर लेकर गया और उसने तीन बर्तन में बराबर पानी भरा और उन्हें चूल्हे पर रख दिया।
जब उन तीनों बर्तन में पानी उबलने लगा तो उसने: एक बर्तन में आलू डाल दिया, दूसरे में कच्चे अंडे और तीसरे बर्तन में कॉफी की फलियां डाल दी। उसने उन तीनों चीजों को उबलने दीया।
उसकी बेटी चुपचाप बेसब्री से इंतजार कर रही थी और सोच रही थी कि उसके पिता क्या कर रहे हैं? कुछ समय के बाद उसके पिता ने चूल्हा बंद कर दिया।
उसने आलू और अंडे को एक बर्तन में रख दिया और कॉफी को निकाल कर एक कप में रखा।
और फिर वह अपनी बेटी की तरफ मुड़कर उससे पूछा?
“बेटी, तुम्हें क्या दिख रहा है? आलू, आंडे, कॉफी” -लड़की ने हिचकिचाते हुए बोला।
पिता : करीब से देखो और आलू को छुओ, लड़की ने कहा यह नरम है। फिर उसके पिता ने लड़की को अंडा लेकर फोड़ने को कहा, अंडा फोड़ने के बाद लड़की से पूछा यह कैसा है तो लड़की ने जवाब दिया यह उबला हुआ और लचीला है।
अंत में उसको कॉफी पीने के लिए कहा जिसकी सुगँध से लड़की के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
“पिता ने अपनी बेटी से पूछा, इसका क्या मतलब है?”
उसके पिता ने कहा आलू, अंडे और कॉफी की फलियों को एक समान तापमान पर एक बराबर उबाला गया, लेकिन तीनों की प्रतिक्रिया अलग देखी गई।
आलू कठोर और मजबूत था लेकिन पानी में उबालने के बाद यह नरम और कमजोर हो गया।
इसी प्रकार, अंडा अंदर से तरल पदार्थ में था लेकिन उबालने के बाद वह सख्त हो गया।
हालांकि, कॉफी की फलियों को गर्म पानी में उबालने के बाद उसने पानी को ही बदल दिया, जिसकी सुगंध भी सम्मोहक थी।
अब बताओ, तुम कौन हो? पिता ने अपनी बेटी से पूछा।
“जब विपत्ति आपके दरवाजे पर दस्तक देती है तो आप किस प्रकार से प्रतिक्रिया करते हैं, क्या आप आलू है या एक अंडा या फिर आप कॉफी की फलिया हैं?“
कहानी का उद्देश्य : जीवन में जो चीजें हमारे आसपास होती हैं या हमारे साथ होती हैं वास्तव में सिर्फ वही चीजें मायने रखती है। आप उन चीजों के साथ किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं यह मायने रखता है। हमारे जीवन का कार्य चीजों को सीखना, अपनाना और संघर्ष को एक सकारात्मक अनुभव में बदलना है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप आलू, अंडे जैसे प्रतिक्रिया करते हैं या एक कॉफी की फली की तरह।
एक शेर और एक गरीब गुलाम!

एक गुलाम अपने बेरहमी गुरु से बचकर जंगल में भाग जाता है। जंगल मे वो एक शेर के सामने आ जाता है जिसके पंजों में कांटा चुभा होते हैं और वह दर्द में था। गरीब गुलाम बहादुरी से शेर के पास जाता है और उस कांटे को निकाल देता है उसके बाद शेर गुलाम को बिना चोट पहुंचाए वहां से चला जाता है।
कुछ समय बाद, वह बेरहमी गुरु अपने आदमियों के साथ जंगल में शिकार करने गया और कई मासूम जानवरों को पकड़ कर उन्हें पिंजरे में कैद कर लेता है।
एक दिन स्वामी के आदमी उस गरीब गुलाम को जंगल में पकड़ लिया और स्वामी के पास ले जाते हैं। स्वामी उस गरीब किसान को शेर के पिंजरे में फेकने का आदेश देता है।
पिंजरे में गुलाम अपनी मौत का इंतजार कर रहा होता है लेकिन शेर उसे नहीं मारता, फिर वे समझ जाता है कि यह वही शेर है जिसकी उसने जंगल में मदद करी थी। और उस शेर की मदद से वह स्वामी की कैद में बंदी बने जानवरों को बचाता है और खुद भी अपने आप को आजाद कर लेता है।
कहानी का उद्देश्य : हमें जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए बदले में हमें भी उसका इनाम कभी ना कभी मिलता है।