
हम आपके लिए best Panchatantra kahaniya in Hindi लेकर आए हैं जो एक तरह से काल्पनिक है लेकिन यह कहानियां कहीं ना कहीं आप के जीवन से संबंधित है और यह एक असल जीवन से प्रेरित है। यह कहानियां आपके जीवन में कुछ छोटे-छोटे मोड़ पर बहुत मददगार साबित हो सकती है। तो बिना कुछ सोचे समझे इन कहानियों को पढ़े और अपने जीवन में लागू करें। यह कहानियां आप अपने बच्चों को भी पढ़कर सुना सकते हैं जिससे वे भी कुछ सीख सकते हैं और अपने आने वाले कल के लिये एक अच्छा और बेहतरी निर्णय ले सकते है।
1. एक सियार और दो बकरियां!

दूर एक जंगल में दो ताकतवर बकरियां आपस में लड़ रही थी। वह दोनों इतने मजबूत थे कि उनकी लड़ाई में दोनों बकरियों को चोट पहुँची और खून भेह रहता थी लेकिन फिर भी एक-दूसरे को हराने के लिए लड़ाई लड़ती रही।
तभी, उसी समय एक सियार वहां से गुजर रहा था और उसे खून की गंध आने पर वह बकरियों की तरह खिंचा चला गया। उसी जगह कुछ अन्य जानवर भी थे जो बकरियों को चीयर्स कर रहे थे। सियार यह देख लालच में आ गया और सोचा कि “यह बकरियां लड़ कर थक गई है और बहुत कमजोर पड़ चुकी हैं”
सियार उन्हें कमजोर समझ उन पर कूद पड़ा और हमला कर दिया। वह दोनों बकरियां एक साथ मिलने पर सियार से ज्यादा मजबूत हो गई और इसलिए उन्होंने सियार को निर्दयता से रौंद कर मार डाला।
कहानी का उद्देश्य : किसी भी कार्य में कूदने से पहले परिस्थिति को समझें और फिर कोई निर्णय लें।
2. एक म्यूजिकल गधा!

एक धोबी के पास एक गधा था जिसका नाम गीतक था, जिसे संगीत का शौक था। धोबी गधे के द्वारा पूरे दिन सामान ढोने का काम करता था और शाम को उसे चरने के लिए स्वतंत्र छोड़ देता था। एक बार वह गधा एक सियार से मिला जिनमें अच्छी दोस्ती हो गई। जब सारे किसान सो जाते थे तो वे दोनों एक साथ रात को मिलकर खेतों में भोजन करते थे।
गधा किसानों की हरी सब्जियां खा जाता और सियार किसानों की मुर्गियों पर हमला करता।
एक रात गधे को भोजन करते समय संगीत का विचार आया और उसने गधे से कहा क्यों ना खाते-खाते गीत गये। सियार समझदार था उसने चेतावनी दी कि भोजन चुराते समय गाना एक अच्छा विचार नहीं है। गधे ने चेतावनी को नजरअंदाज किया और दिल लगा कर जोर जोर से सुर लगाने लगा, यह देख सियार जान बचाने के लिए छिप गया। गधे के गाना गाने से किसान उठ गया और गधे को भोजन चुराते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया और लाठी से पीट दिया।
कहानी का उद्देश्य : किसी भी कार्य को करने का एक सही समय और एक सही स्थान होता है।
3. कहानी एक कौवा और उल्लू की!
जंगल के सभी पक्षी मिलकर एक पेड़ पर महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे थे। कौवे को छोड़कर बाकी सभी पक्षी उपस्थित थे। सभी पक्षी मिलकर एक नए पक्षी को अपने वर्तमान राजा के रूप में चुनना चाहते थे, पहले उनका राजा गरूड़ था जो बहुत व्यस्त था और उसने उनकी रक्षा के लिए कुछ नहीं किया था। काफी विचार करने के बाद, सभी पक्षी उल्लू को अपना राजा चुनने के लिए सहमत हो गया क्योंकि उल्लू रात में देख सकता है।
राज्याभिषेक के दिन, एक कौवा आता है और सभी पक्षियों से सवाल करता है कि उल्लू को अपने राजा के रूप में क्यों चुना गया? सभी तर्क सुनने के बाद कौवे ने उल्लू की खामियों को इंगित कर गरुड़ को ही राजा चुनने के लिये कहा। राज्याभिषेक रद कर दिया गया और उल्लू, जो नाराज था, उसने घोषणा करी कि उल्लू और कौवा कभी दोस्त नहीं बन सकते। कौवा पछतावा का ढोंग करते हुए वहां से उड़ गया।
कहानी का उद्देश्य : बिना किसी संपूर्ण ज्ञान और समझ के ज्ञानी ना बने।
4. ब्राह्मण और मृत शेर का हमला!

एक गांव में चार ब्राह्मण दोस्त रहते थे। इनमें से तीन दोस्त बहुत ही प्रतिभाशाली और पवित्र शास्त्र के ज्ञान को सफलतापूर्वक सीखा था, जबकि चौथा ब्राह्मण नया और कम प्रतिभाशाली था। तीनो ब्राह्मण ने राजा के द्वार पर जाने और अपने कौशल का प्रदर्शन करने का फैसला किया। काफी विचार करने के बाद चोथे ब्रामण को साथ ले जाने के लिये सहमत हो गये।
राजा के द्वार जाने के लिए वह एक जंगल से गुजर रहे थे, उन्होंने पाया कि जंगल में एक घायल और मृत शेर का शरीर पड़ा हुआ है। उनमें से तीन ब्राह्मण जो पवित्र शास्त्रों का ज्ञान रखते थे, उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग कर शेर को जिंदा कर देंगे। यह सुन चौथे ब्राह्मण डर गया और चेतावनी दी की यह खतरनाक विचार है और एक पेड़ पर चड़ गया। तीनों ब्राह्मणों ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए शेर को जीवित कर दिया। शेर के जीवित होते ही शेर तीनों ब्राह्मणों को मार कर खा गया।
कहानी का उद्देश्य : अपने कौशल का हमेशा सही और उचित समय पर प्रयोग करें।
5. बेवकूफ हाथी और समझदार खरगोश!

एक घने जंगल में छोटा सा तलाब था जहां से जंगल के ज्यादातर जानवर पानी पीते थे। उसी जंगल में एक शक्तिशाली हाथियों का झुंड रहता था। जिसने पूरे तालाब पर कब्जा कर रखा था जिसके कारण अन्य जानवरों के लिए पानी पीना असंभव सा था। एक समझदार खरगोश हाथियों के झुंड के राजा के पास समस्या लेकर गया और अपनी समस्या बताइए। हाथी राजा ने अभद्रता के साथ खरगोश के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। खरगोश ने हाथी को सबक सिखाने के लिए हाथी को चेतावनी देते हुए कहा :-
“झील के देवता, चंद्रमा। आपके इस व्यहवार से नाखुश होकर पृथ्वी पर खुद दंडित करने आएंगे।”
हाथी खरगोश की बातो पर विसवास न करते हुये खरगोश को झील के देवता के पास लेकर जाने को कहा। समझदार खरगोश पुर्णिमा की रात हाथी राजा को झील के पास लेकर गया और उसको चन्द्रमा का प्रतिबिंब दिखाया। हाथी राजा को विशवास हो गया कि झील के देवता खुद उसके इस मुर्ख व्यहवार के लिये धरती पर उतर आये है और हाथी अपने झुंड का व्यहवार सुधारने के लिय सहमत हो गया।
कहानी का उदेश्य : थोड़ी समझदारी से एक बड़ी समस्या का समाधान निकल सकता है।